धान की फसल में आखिरी सिंचाई कब करें: 90% किसान नहीं जानते सही समय
When to do last irrigation in paddy crop
धान की फसल में आखिरी सिंचाई कब करें: 90% किसान नहीं जानते सही समय
किसान भाइयों, धान की फसल में सिंचाई प्रबंधन का सही समय जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई किसान फसल में बालियां आने के बाद सिंचाई बंद कर देते हैं, जिससे पैदावार और फसल की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि धान की फसल में आखिरी सिंचाई कब और कैसे करनी चाहिए ताकि आपकी फसल से अधिकतम उत्पादन मिल सके।
धान की फसल के हर चरण में पानी का सही प्रबंधन करना आवश्यक है। यह न केवल पौधों को जरूरी पोषण प्रदान करता है, बल्कि कीटों और रोगों से भी बचाव करता है। पकने की अवस्था में, पानी का सही मात्रा में प्रबंधन और समय पर सिंचाई बंद करना जरूरी होता है, ताकि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर हो सके। इसके साथ ही सही समय पर सिंचाई बंद करने से पानी की बचत भी होती है और फसल की कटाई में आसानी होती है।
आखिरी सिंचाई का सही समय
धान की फसल में आखिरी सिंचाई का समय बहुत ही नाजुक होता है। अगर समय पर सिंचाई बंद न की जाए, तो फसल में पानी की अधिकता से पौधे गिर सकते हैं या फसल कीटों के हमले से प्रभावित हो सकती है। यहां कुछ मुख्य बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:
जब धान के दाने सुनहरे या लाल रंग के होने लगें और बालियां नीचे की ओर झुकने लगें, तब फसल लगभग तैयार हो चुकी होती है।
जब धान के 90-95% दाने पकने की अवस्था में आ जाएं, तो सिंचाई बंद करने की योजना बनाएं।
आखिरी सिंचाई धान की कटाई से 12-15 दिन पहले बंद कर देनी चाहिए। इससे खेत अच्छे से सूख जाएगा और कटाई आसान हो जाएगी।
आखिरी सिंचाई का समय निश्चित करते समय मौसम और मिट्टी की स्थिति का ध्यान रखना भी जरूरी है। बारिश की संभावना हो, तो अतिरिक्त पानी न लगाएं, इससे फसल गिर सकती है।
आखिरी सिंचाई के समय पानी का स्तर सही बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। पानी की अधिकता से पौधे गिर सकते हैं, जिससे पैदावार कम हो जाती है। साथ ही, कीटों का हमला बढ़ जाता है। इसलिए, आखिरी सिंचाई के बाद खेत में केवल नमी बनी रहनी चाहिए, ताकि फसल पक सके और कटाई में कोई कठिनाई न हो।
सावधानियां
बारिश का ध्यान: अगर बारिश की संभावना है, तो सिंचाई बंद कर दें, ताकि फसल गीली न हो और कटाई में परेशानी न हो।
फसल गिरने का खतरा: अधिक पानी से पौधे गिर सकते हैं, जिससे पैदावार पर असर पड़ सकता है और कीटों का हमला बढ़ सकता है।
नमी का सही प्रबंधन: खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन अधिक पानी न हो ताकि फसल स्वस्थ रहे और समय पर कटाई हो सके।